बजट सत्र में राष्ट्रपति ने सीएए को बताया ऐतिहासिक

राष्ट्रीय जनमोर्चा ब्यूरो

नई दिल्ली। शुक्रवार को संसद में अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि किसी भी विचारधारा के नेता या समर्थक होने से पहले हम देश के नागरिक हैं। हमारे देश की प्रतिष्ठा हमारी दलीय प्रतिबद्धताओं से कहीं बढ़कर है। उन्होंने सीएए पर बोलते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद बजट सत्र की शुरुआत होगी। इसके बाद  वित्तमंत्री संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 1 फरवरी को लोकसभा में पेश करेंगी। इससे पहले राष्ट्रपति ने कहा कि बदलते समय में, देश की रक्षा से जुड़ी नई और जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए मेरी सरकार, सेनाओं को और भी सशक्त, प्रभावशाली और आधुनिक बना रही है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति इसी दिशा में उठाया गया कदम है। मेरी सरकार ने आतंकवाद फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी हुई है। राष्ट्रपति ने सीएए पर बोलते हुए कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है। मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं। मेरी सरकार यह एक बार फिर साफ करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं।

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