मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 98743 इकाइयों को दिया ऋण

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रसार के कारण प्रभावित लोगों को प्रदेश सरकार ने सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम (एमएसएमई) लगाने के साथ ही प्रवासी मजदूर व युवा के लिए रोजगार सृजित किया है। इसी क्रम में आज छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एमएसएमई के छह सामान्य सुविधा केंद्र का लोकापर्ण भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई की रोजगार परक योजनाओं के अंतर्गत ऑनलाइन स्वरोजगार संगम का शुक्रवार को शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में 98743 नई इकाईयों को 2447 करोड़ रुपये का ऋण वितरण संपन्न हो गया। इस योजना में अब तक 2,71,743 नई इकाईयों को 8,949 करोड़ रु. का ऋण वितरण किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लाभार्थियों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि मैं सभी लाभार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं और अपनी शुभकामनाएं देता हूं। इसके साथ यहां उपस्थित प्रदेश की बैंकों के मुख्य महाप्रबंधक व महाप्रबंधकगणों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं और विश्वास व्यक्त करता हूं कि प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत जो 15,000 करोड़ के ऋण वितरण कार्यक्रम का लक्ष्य है। उसमें से हम लगभग 8,900 करोड़ का ऋण वितरण कर चुके हैं। शेष की भी व्यापक कार्ययोजना अगर अविलम्ब बन सके और सभी लोग मिलकर थोड़ी रुचि ले लेंगे तो मुझे लगता है कि अगले एक माह के अंदर हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत से नौजवानों को रोजगार सृजन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं से जोड़कर लोन व रोजगार की सुविधाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश सेवायोजन, रोजगार व स्वत: रोजगार के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपने प्रदेश की युवाशक्ति का प्रदेश के विकास में बेहतर उपयोग कर पाएंगे। यागी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण गांवों में लौटे प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रधानमंत्री के गरीब कल्याण रोजगार अभियान का लाभ अधिकांश लोगों को मिले, यही हमारा प्रयास है।

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