राष्ट्रीय जनमोर्चा संवाददाता
गौतमबुद्धनगर। कोरोना महामारी के चलते कई बच्चों ने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार एक योजना बनाकर उसके तहत इन बच्चों को आर्थिक मदद देने का एलान किया है। लेकिन बच्चों को पता कैसे चलेगा? कौन उन्हें इस योजना के तहत सरकारी मदद दिलाएगा? कहीं कोई बच्चा इस योजना से वंचित न रह जाए और उसका भविष्य खराब न हो जाए? इन्ही सब समस्याओं के मद्देनजर रविवार को सामाजिक संस्था ‘नारी प्रगति सोशल फाउंडेशन’ ने साप्ताहिक वेबिनार की श्रंखला में ‘दिल से दिल की बात’ कार्यक्रम के तहत विस्तार से परिचर्चा की। कार्यक्रम का ज़ूम मीटिंग के अतिरिक्त फेसबुक पर भी सीधा प्रसारण किया गया।
फाउंडेशन की राष्ट्रीय प्रवक्ता अंशु कुलश्रेष्ठ ने ‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ से बताया कि रविवार 30 मई की बैठक की अध्यक्षता फाउंडेशन की संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष मीनाक्षी त्यागी ने की और संचालन डॉ. अतुल चौधरी ने किया। मुख्य वक्ता अतुल कुमार सोनी (डीपीओ) महिला एवं बाल विकास ज़िला गौतमबुद्धनगर ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के बारे में लोगों को सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी दी। उन्होंने विस्तार से बताया किस प्रकार सामाजिक संस्थाएं भी इस कार्य में सहयोग कर सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक 4000 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। यह सहायता उनके केयरटेकर को दी जाएगी। दस साल से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनका कोई केयरटेकर नहीं है, उनके आवास की व्यवस्था बाल गृह में की जाएगी, जिसका ख़र्च सरकार उठाएगी। इस योजना का नाम ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ है। अतुल कुमार सोनी ने बताया कि ज़िला गौतमबुद्धनगर में यह योजना समग्र रूप कार्य कर रही है। इसमें सामाजिक संस्थाओं के योगदान की भी उन्होंने प्रशंसा की है।
आज की बैठक में गौतमबुद्धनगर के प्रबुद्ध संस्थाओं के मुख्य लोग उपस्थित रहे और सभी ने कोरोना काल के इस संकट में साथ देने का वादा किया। इस मौके पर एक्टिव एनजीओ नवरत्न फॉउण्डेशन के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, नोवरा के अध्यक्ष रंजन तोमर, ग्राम प्रधान संगठन की अध्यक्ष विमलेश, ऐक्टिव सिटीजन टीम के अध्यक्ष आलोक सिंह, सेक्टर 52 की महासचिव अंजलि सचदेवा, संजय, प्रोफेसर शेफाली, सुनीता जेटली, अलका वर्मा, सौरभ त्यागी, नारी प्रगति की टीम के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
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