कैंसर के रोगियों को भी बचाने में लगे हैं डॉ. बी. पी. त्यागी

Dr. B. P. Tyagi

राष्ट्रीय जनमोर्चा ब्यूरो
गाजियाबाद। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल होता है। देश के मशहूर डॉक्टर बी. पी. त्यागी का कहना है, “कैंसर से होने वाले नुकसान से वाकिफ होना हर आदमी के लिए जरूरी है।” डॉ त्यागी लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए अक्सर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते रहते हैं, ताकि इस जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।
‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ से डॉ. बी. पी. त्यागी ने बताया, “आज कैंसर की बीमारी पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल 9.6 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। इस बीमारी का इलाज पता करने की जिम्मेदारी न केवल हम डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की है, बल्कि हममें से हर किसी की है।”
डॉ त्यागी बताते हैं, स्तन कैंसर महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है। अगर समय रहते इसके बारे में जान लिया जाए तो इसके जानलेवा परिणामों से बचा जा सकता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए आपको लक्षणों को पहचान करनी होगी। कैंसर के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसकी जांच तुरंत करवाने की ज़रूरत होती है। लेकिन सबसे पहले हम कैंसर के लक्षणों को जानते हैं-
आमतौर पर शरीर के किसी भी भाग पर ऊतकों में असामान्य रूप से गांठ बनना या उभार आना कैंसर हो सकता है। कोशिकाओं का असामान्य तौर पर वृद्धि करना और अनियंत्रित रूप से विभाजित होने से कैंसर होता है। लेकिन कैंसर अब लाइलाज नहीं हैं। इसका इलाज किया जा सकता है। इस बीमारी से डरना नहीं है बल्कि इसका हिम्मत से सामना करने की जरूरत होती है। जरूरत है कैंसर पीड़ितों को संबल एवं आत्मबल के साथ सद्भाव की। अक्सर लोग कैंसर पीड़ितों के साथ भेदभाव करते हैं, जबकि यह बीमारी छुआछूत रहित है।
डॉ त्यागी ने बताया कि अक्सर लोग कैंसर का लक्षण देखते ही डॉक्टर से संपर्क नहीं करते, जिसके कारण स्थिति भयावह हो जाती है। उन्होंने कहा कि दांतों और मुंह की रेगुलर अच्छी तरह सफाई करने से मुंह के कैंसर से बचा जा सकता है।
कैंसर पर काबू पाने के लिए कुछ सूझाव:
 जांच होने के बाद कैंसर के उपचार का पहला अवसर ही सर्वश्रेष्ठ अवसर है। इस अवसर को गंवाना जानलेवा हो सकता है।
 कैंसर का इलाज दूर जाकर न कराएं बल्कि आस-पास के किसी अस्पताल में ही कराएं। इस तरह के मरीज की तबियत कभी भी बिगड़ सकती है इसलिए डॉक्टर के पास आना-जाना आसान होगा।
 गैर जरूरी और व्यक्ति की सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा न करें।
 बॉयोप्सी कैंसर को फैलाता नहीं है ये सिर्फ एक जांच है। इस गलत धारणा के कारण बहुत से लोग अपना मर्ज बढ़ा लेते हैं। बॉयोप्सी से ही कैंसर का उपचार करने का रास्ता मिलता है।
 कैंसर विशेषज्ञ से रोग की जांच कराते रहने से रोग की प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है। शुरुआती दौर में कैंसर का पता चलता है तो उसके ठीक होने की अधिक संभावना होती है।
(डॉ. बी.पी. त्यागी ENT स्पेलिस्ट हैं। गाजियाबाद स्थित राजनगर में हर्ष ईएनटी हास्पिटल में उनसे 9999673918 पर संपर्क किया जा सकता है।)

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